असत्य से सत्य तक पाप से पुण्य तक राह जो दिखायें वह गुरु कहलाये स्वार्थ से निस्वार्थ तक गर्व से नम्रता तक शिष्य जो बनाये वह गुरु कहलाये गलत से सही तक अधर्म से धर्म तक बेहतर स...
कथा, कविता, लेख, चारोळ्या आणि बरंच काही !!
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