कुछ भी नही था ये दरमियाँ
कैसे ये प्यार तुझसे हो गया
अब तो रात भी तेरी
ये दिन भी तेरा हो गया
सोचता कुछ दुसरा तो
दिल बुरा सा मान गया
तेरे एक दीदार को
ये दिल जालिम सा तरस गया
आँखे जो बंद की
चेहरा दिल में दिख गया
ऑंखें जो खोल दी तो
चेहरे को धुंडता रह गया
कुछ तो बता तु
कैसे ये सब हो गया
कुछ भी नही था दरमियाँ
कैसे ये प्यार तुझसे हो गया
- योगेश खजानदार