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पोस्ट्स

सप्टेंबर, २०१५ पासूनच्या पोेस्ट दाखवत आहे

आरजु

दुआयें मांगी थी मिन्नतें मांगी थी भगवान के दर पे सब बातें कही थी फिर भी न कोई आवाज ना कोई मदत मिली थी पत्थर दिल है भगवान सच्ची आरजू न सुनी थी न सोना ना चांदी ऐसी मिन्नतें नहीं ...

शायरी

कुछ बातें ऐसी जो दिल में रह गई भगवान से कही पर पत्थरों से टकरा गई दुआयें मेरी बेअसर मन से तो कहीं थी पत्थर को पाने के लिए पत्थरो को बताई गई #Yks

प्रेम किती मझ

मी भान हरपून ऐकतच राही तुझ्या शब्दातील गोड भावना हे रिक्त मन पाहुन चौफेर नजर शोधता स्थिर राहीना सुगंध दरवळत जाईची फुले ओढ तुझी मझ का आवरेना प्रेम किती मझ चांदणे मोजता ह...