दुआयें मांगी थी मिन्नतें मांगी थी भगवान के दर पे सब बातें कही थी फिर भी न कोई आवाज ना कोई मदत मिली थी पत्थर दिल है भगवान सच्ची आरजू न सुनी थी न सोना ना चांदी ऐसी मिन्नतें नहीं ...
कथा, कविता, लेख, चारोळ्या आणि बरंच काही !!
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